मुंबई की ग्रामदेवी माँ मुंबा देवी यहाँ के नागरिकों की संरक्षक देवी है, जो इन्हें समुद्र से तथा अन्य रूप में आने वाली हर परेशानी से सुरक्षित रखतीं हैं। यहाँ तक कि, मुंबई का नाम भी देवी मुंबा के नाम पर ही प्रसिद्ध हुआ है।
प्रारंभिक रूप में श्री मुंबा देवी मंदिर अभी की स्थिति से दूर मेंजिस जगह में बनाया गया था। मंदिर का वर्तमान स्वरूप श्री पांडु सेठ द्वारा दान में दी गई भूमि पर बना है। मुंबई में रहिने और आने वाले हर व्यक्ति को माँ के दर्शन जरूर करना चाहिए, माँ मुंबा नगर देवी होने के कारण यहाँ रहने वालों की रक्षक देवी हैं।
मंदिर में देवी के चांदी से बने वाहन प्रतिदिन बदले जाता हैं। सोमवार को नंदी, मंगलवार को हाथी, बुधवार को मुर्गा, गुरूवार को गरुड़, शुक्रवार को हंस, शनिवार को हाथी, रविवार को सिंह पर माँ सुशोभित होतीं हैं।
दर्शन समय
Shiv Mandir Closed 12:00 - 3:00PM
मुंबा देवी।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कई ऐतिहासिक और धार्मिक प्रयटन स्थल है। जिनमें से एक मुंबा देवी मंदिर का प्रमुख स्थान है। मुंबा देवी मंदिर की महिमा अपरंपार बताई गई है। मुंबई नाम ही मराठी के शब्द मुंबा आई यानि मुंबा माता के नाम से निकला है। इस मंदिर का गौरवशाली इतिहास करीब चार सौ साल पुराना है। पूरे महाराष्ट्र में इस मंदिर की बहुत मान्यता है।
कहते हैं कि मुंबई आरंभ में मछुआरों की बस्ती थी। इन लोगों को मुंबई में कोली कहा जाता है। कोली लोगों को बोरी बंदर में तब मुंबा देवी मंदिर की स्थापना की। कहा जाता है कि देवी की इस कृपा से मछुआरों को समुद्र ने कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। यह मंदिर अपने मूल रूप में उस जगह बना था जहां आज विक्टोरिया टर्मिनस बिल्डिंग है। इसका निर्माण साल 1737 में हुआ था। बाद में अंग्रेजों के शासन के दौरान मरीन लाइन पूर्व क्षेत्र में बाजार के बीच स्थापित किया। उस मंदिर के तीन ओर एक बड़ा तालाब था। जिसे अब पाटकर बराबर कर दिया गया है। कहते हैं कि इस मंदिर के लिए जमीन पांडु सेठ ने दान में दी थी
SHRI MUMVA DEVI TEMPLE